ब्रह्मा बाबा ने आचरण से पढ़ाया शांति का पाठ
ब्रह्मा बाबा की 50वीं पुण्य तिथि
माउंट आबू, 18 जनवरी। ब्रह्माकुमारी संगठन की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने न केवल वचनों से बल्कि अपने आचरण से संपूर्ण पवित्रता व योग की सर्वोच्च अवस्था को प्राप्त कर सबको शांतिपूर्वक सेवा का पाठ पढ़ाया। विश्व शान्ति के कार्य में संपूर्ण समर्पणता के साथ विकटतम परिस्थितियां आने के बावजूद भी नि:स्वार्थ सेवा की मशाल जलाये रखी। जिनकी तपस्या की बदौलत आज विश्व नवनिर्माण के विशाल कार्य को समूचे विश्व में मूर्तरूप देने के लिए लाखों की तादाद में भाई-बहनें तत्पर है। यह बात उन्होंने शुक्रवार को संगठन के अंतराष्ट्रीय मुख्यालय पाण्डव भवन में प्रजापिता ब्रह्माबाबा के 50 वीं पुण्य तिथि कार्यक्रम को संबोधित करते कही।
ज्ञान सरोवर निदेशिका बी. के. डॉ. निर्मला ने कहा कि ब्रह्मा बाबा की दूरदृष्टि से संगठन की सेवाएं समाज के विभिन्न वर्गों को जोडऩे की महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं। प्यूरिटी पत्रिका मुख्य संपादक बृजमोहन आनंद ने कहा कि ब्रह्माबाबा ने मन के अंदर जड़ें जमाकर बैठे सूक्ष्म विकारों से मुक्त होने के एि साधना के सरल सूत्र बताते हुए अनेकों के जीवन को संवारकर विश्व सेवा के लिए तैयार किया है। खेल प्रभाग राष्ट्रीय संयोजिका बी के शशि बहन ने कहा कि ब्रह्मा बाबा ने अपने कर्मों से चरित्र को श्रेष्ठ बनाने की शिक्षा देकर परमात्म कार्य में प्रवृत होने को प्रेरित किया है। संगठन के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युजंय ने कहा कि आत्मिक भाव की साधना सर्वश्रेष्ठ साधना है। इसी साधना से परमात्म अनुभूति होती है।